*मुझे मंज़ूर नहीं *
ज़िन्दगी मेरी है ,
किसी और के मुताबिक चलना
ये मुझे मंज़ूर नहीं ..
गलत होने पर माँ ने सिखाया झुकना ,
पर ऐ दुनिया तू मुझे हर बात पे झुकाये ,
ये मुझे मंजूर नहीं ..
कश्ती मेरी टूट जाए डगमगा जाए ,
पर ऐ तूफ़ान तू मुझे बहा दे,
ये मुझे मंजूर नहीं ..
जड़ो से कमज़ोर जरूर हूँ अभी ,
पर ऐ आंधी तू मुझे अपने साथ ले जाए ,
ये मुझे मंजूर नहीं ..
अकेली नहीं हु , है साथ मेरे ,
मेरा जज़्बा मेरी हिम्मत ,
लड़ूंगी जीतूंगी हर वक्त ,
क्युकी तू मुझे मेरी हार के ताने मारे ,
ऐ ज़िन्दगी ये मुझे मंजूर नहीं ..
शिव aani
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